Friday, September 9, 2011

उत्तम त्याग धर्म - पर्युषण का आँठवा दिन

आज पर्युषण का आँठवा दिन है, उत्तम त्याग धर्म का दिन. अभी तक के व्रत बहुत ही आनंद पूर्वक जा रहे हैं. शुभ्रा ने पूरे दसों दिन के उपवास करने का निर्णय लिया है और अब तक उसके आठों दिन सातापूर्वक बीते. मेरी बेटी आयामी भी अब तक ३ दिन के उपवास कर चुकी है. उसे यह भावना स्वयं ही आई कि उसने भी व्रत करने चाहिए. जबकि वह अपने कॉलेज के लिए लगभग ३-४ मील रोज़ ही चलती है और अपने अपार्टमेन्ट में रहती है.

इनकी देखा सीखी मैं भी एकासन कर रहा हूँ, लेकिन diabetes के कारण सुबह शाम पानी के समय काजू किसमिस खा लेता हूँ. बेटा आगम डोर्म में होने से और AF-ROTC की कठिन PT के कारण कुछ भी व्रत नहीं कर पा रहा है. 

शिकागो जैन मंदिर में इस बार श्रुत प्रज्ञा स्वामीजी आने से प्रवचन का आनंद और धर्म लाभ भी पूरा पूरा हो रहा है. 

व्यवसाय भी अपनी गति से शुरू है और अपने आत्मविश्वास व सिद्धांतों पर भरोसा करके जुटे हुए हैं. आज ही कुछ अच्छी सूचनाएं आयीं और अब लगता है कि इतने पूरे सालों की मेहनत के परिणाम अब इकट्ठे मिल जायेंगें. इसी परम विश्वास के साथ आज बस इतना ही. 

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