Tuesday, September 12, 2017

स्वात्मरममयी साधनपथ

१. आत्म भावना
२. आत्म नियंत्रण
३. आत्म शुद्धि
४. आत्म सन्तुष्टि

पूज्यश्री प्रमाणसागरजी महाराज की जय।।।