Saturday, May 9, 2009

मैं और मेरी सोच

आज की ब्लॉग तो मैं हिन्दी में लिख रहा हूँ क्योंकि इस में मुझे बहुत आनंद आ रहा है। जीवन में शायद पहली बार अपनी बात इन्टरनेट पर अपनी भाषा व्यक्त कर पाने कि खुशी है।

मुझे निम्नलिखित चीज़ों पर बहुत गर्व है और हमेशा इनके उत्थान में प्रयासरत रहता हूँ और लगा रहूँगा।
मैं स्वयं, मेरा परिवार, मेरा धर्म - जैन धर्म, मेरी अपनाई भाषा - हिन्दी, मेरा शहर - नागपुर, मेरा पैत्रिक राज्य - मध्य प्रदेश, मेरा अपना देश - भारत, मेरा निवासी देश - अमेरिका, मेरा जगत और उसमे बसने वाले सभी जीव।

अगर आप पाएंगे कि मैंने हर एक के आगे मेरा लगाया है तो उसका कारण यह है कि मेरी समझ में जब तक हम किसी भी वस्तु को अपना नहीं समझते हम उसके प्रति अपनत्व नहीं रख सकते। और जिस वस्तु के प्रति हम अपनत्व रखते हैं केवल उसी की प्रगति में हम सतत प्रयासशील रह सकते हैं।

आज पहली बार हिन्दी में ब्लॉग लिखने का बढ़ा ही आनंद आया, पर आदत नहीं होने से कुछ थक गया हूँ। तो बस आज इतना ही।

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